मृत्यु का ज्ञान ही अमृत का द्वार है123 views1 minute read 0 Shares 0 0 0 0 0 0 0 0Shares 0 0 0 0 0 0मृत्यु का ध्यान कर।मृत्यु पर ध्यान कर।मृत्यु से बचने में भय है।मृत्यु से पलायन में भय है।मृत्यु के साक्षात्कार में अभय है।और, ध्यान में ही मृत्यु का साक्षात्कार हो सकता है।और, जो मृत्यु को जान लेता है, उसके लिए अमृत के द्वार खुल जाते हैं।
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