Meditation is only path

सब मार्ग ध्यान के ही विविध रूप हैं

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प्रेम। ध्यान के अतिरिक्त और कोई मार्ग नहीं है।
या, जो भी मार्ग हैं, वे सब ध्यान (Meditation) के ही रूप हैं।
प्रार्थना भी ध्यान है।
पूजा भी।
उपासना भी।
योग भी ध्यान है।
सांख्य भी।
ज्ञान भी ध्यान है।
भक्ति भी।
कर्म भी ध्यान है।
संन्यास भी।

ध्यान का अर्थ है: चित्त की मौन, निर्विचार, शुद्धावस्था।
कैसे पाते हो इस अवस्था को, यह महत्वपूर्ण नहीं है।
बस, पा लो, यही महत्वपूर्ण है।

किस चिकित्सा-पद्धति से स्वस्थ होते हो, यह गौण है।
बस, स्वस्थ हो जाओ, यही महत्वपूर्ण है।