एक बार यूनान का एक बादशाह बीमार पड़ा। वह इतना बीमार पड़ा कि डाक्टरों ने और चिकित्सकों ने कहा कि अब वह बच नहीं सकेगा। उसकी बचने की कोई उम्मीद न रही। उसके मंत्री और उसके प्रेम करने वाले बहुत चिंतित और परेशान हुए।
गांव में तभी एक फकीर आया और किसी ने कहा, ‘उस फकीर को अगर लाएं, तो लोग कहते हैं, उसके आशीर्वाद से भी बीमारियां ठीक हो जाती हैं।’
वे उस फकीर को लेने गए। वह फकीर आया। उसने आते ही उस बादशाह को कहा, ‘पागल हो? यह कोई बीमारी है? यह कोई बीमारी नहीं है। इसका तो बड़ा सरल इलाज है।’
वह बादशाह, जो महीनों से बिस्तर पर पड़ा था, उठ कर बैठ गया। और उसने कहा, ‘कौन सा इलाज? हम तो सोचे कि हम गए! हमें बचने की कोई आशा नहीं रही है।’
उसने कहा, ‘बड़ा सरल सा इलाज है। आपके गांव में से किसी शांत और समृद्ध आदमी का कोट लाकर इन्हें पहना दिया जाए। ये स्वस्थ और ठीक हो जाएंगे।’
वजीर भागे, गांव में बहुत समृद्ध लोग थे। उन्होंने एक-एक के घर जाकर कहा कि हमें आपका कोट चाहिए, एक शांत और समृद्ध आदमी का। उन समृद्ध लोगों ने कहा, ‘हम दुखी हैं। कोट! हम अपना प्राण दे सकते हैं; कोट की कोई बात नहीं है। बादशाह बच जाए, हम सब दे सकते हैं। लेकिन हमारा कोट काम नहीं करेगा। क्योंकि हम समृद्ध तो हैं, लेकिन शांत नहीं हैं।’
वे गांव में हर आदमी के पास गए। वे दिन भर खोजे और सांझ को निराश हो गए और उन्होंने पाया कि बादशाह का बचना मुश्किल है, यह दवा बड़ी महंगी है। सुबह उन्होंने सोचा था, ‘दवा बहुत आसान है।’ सांझ उन्हें पता चला, ‘दवा बहुत मुश्किल है, इसका मिलना संभव नहीं है।’ वे सब बड़े लोगों के पास हो आए थे। सांझ को वे थके-मांदे उदास लौटते थे। सूरज डूब रहा था। गांव के बाहर, नदी के पास एक चट्टान के किनारे एक आदमी बांसुरी बजाता था। वह इतनी संगीतपूर्ण थी और इतने आनंद से उसमें लहरें उठ रही थीं कि उन वजीरों में से एक ने कहा, ‘हम अंतिम रूप से इस आदमी से और पूछ लें, शायद यह शांत हो।’
वे उसके पास गए और उन्होंने उससे कहा कि ‘तुम्हारी बांसुरी की ध्वनि में, तुम्हारे गीत में इतना आनंद और इतनी शांति मालूम होती है कि क्या हम एक निवेदन करें? हमारा बादशाह बीमार है और एक ऐसे आदमी के कोट की जरूरत है, जो शांत और समृद्ध हो।’ उस आदमी ने कहा, ‘मैं अपने प्राण दे दूं। लेकिन जरा गौर से देखो, मेरे पास कोट नहीं है।’ उन्होंने गौर से देखा, अंधकार था, वह आदमी नंगा बांसुरी बजा रहा था।
उस बादशाह को नहीं बचाया जा सका। क्योंकि जो शांत था, उसके पास समृद्धि नहीं थी। और जो समृद्ध था, उसके पास शांति नहीं थी।
और यह दुनिया भी नहीं बचायी जा सकेगी, क्योंकि जिन कौमों के पास शांति की बातें हैं, उनके पास समृद्धि नहीं है। और जिन कौमों के पास समृद्धि है, उनके पास शांति का कोई विचार नहीं है। वह बादशाह मर गया, यह कौम भी मरेगी मनुष्य की।