तत्व-चिंतन (Philosophy) में समय न गंवाओ।
अस्तित्व की गहराइयों में है समाधान।
और, विचार की तरंगें सतह से गहरी नहीं जाती हैं।
हीरे हैं सागर की गहराइयों में, और इसलिए,
जो उन्हें लहरों के झाग में खोजता है,
वह व्यर्थ ही खोजता है।
दर्शन-शास्त्र विचार की लहरों पर उठे झाग से ज्यादा नहीं है।
माना कि कभी सूर्य की किरणों में चमकता सफेद झाग
भी बहुत सुंदर मालूमहोता है;
लेकिन फिर भी वह झाग ही है
और मुट्ठी में लेते ही खो जाता है।
इसलिए कहता हूं:
विचार नहीं–ध्यान है द्वार।
शब्द नहीं–शून्य है द्वार।
अस्तित्व क्यों है, यह मत पूछो।
अस्तित्व क्या है, यह खोजो।