सबका मंगल, सबका मंगल, सबका मंगल होए रे !

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सबका मंगल, सबका मंगल, सबका मंगल होए रे !
तेरा मंगल, तेरा मंगल, तेरा मंगल होए रे !!

द्रष्य और अद्रष्य सभी
जीवो का मंगल होए रे !!

जल के थल के और गगन के !
प्राणी सुखिया होए रे !!

दसो दिशाओ के सब प्राणी !
मंगल लाभी होए रे !!

निरभय हो निरबैर बने सब !
सभी निरामय होए रे !!

सबका मंगल, सबका मंगल, सबका मंगल होए रे !
तेरा मंगल, तेरा मंगल, तेरा मंगल होए रे !!

फिर से जागे धरम जगत में !
फिर से होवे जन कल्याण !!

जागे जागे धरम जगत में !
होवे होवे जन कल्याण !!

राग द्वेष और मोह दूर हो !
जागे शील, समाधी ज्ञान !!

जन जन के दुःख मिट जावे !
फिर से जाग उठे मुस्कान !!

सबका मंगल, सबका मंगल, सबका मंगल होए रे !
तेरा मंगल, तेरा मंगल, तेरा मंगल होए रे !!

फिर से जागे धम्म की वाणी !
मंगल गीत महा कल्याणी !!

जागे बुद्ध सदृष कोई ज्ञानी !
होए सुखी सब जग के प्राणी !!

जो जो तपे इस तपो भूमी पर!
सबके दुखड़े दूर हो !!

सबका मंगल, सबका मंगल, सबका मंगल होए रे !
तेरा मंगल, तेरा मंगल, तेरा मंगल होए रे !!

जन जन मंगल, जन जन मंगल, जन जन मंगल होय रे !!!